यूँ तो हर तरह का संगीत जबरदस्त अनुशासन का उदहारण है। जब कोई गान किसी पहले से तैयार म्यूजिकल म्यूजिकल ट्रैक पर करना हो तो वह और भी ज्यादा अनुशासन की मांग करता है। साजिंदों की संगत में लाइव वाद्य यंत्रों के साथ गाना गायक को शायद थोड़ी छूट देता है। वह छूट होती है फ्रेम से थो... |
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October 12, 2015, 8:12 pm |
गाय पर शायद दूसरी बार लिख रहा हूँ। एक बार तब लिखा था जब चौथी क्लास में था। या फिर आज लिख रहा हूँ। गाय पर लिखना मेरे लिए उस वक़्त भी मुश्किल था और अब भी है। तब गाय इतनी सरल थी और हमारी लेखनी बहुत ऊबड़खाबड़ "गाय के चार पैर,दो सींग होते हैं... गाय घास खाती है और हमें दूध देती..."ये चार प... |
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October 11, 2015, 11:02 am |
कल 4 अक्तूबर 2015 का दिन अलवर रंगकर्म में काफी महत्त्व का था। वह इस लिए कि अलवर में नवनिर्मित प्रताप ऑडिटोरियममें पहली बार कोई नाट्य गतिविधि संपन्न हुई। यूँ तो यह ऑडिटोरियम बने हुए लगभग दो साल का वक़्त हो गया है लेकिन रंगकर्मियों के लिए यह आज भी मरीचिका बना हुआ है। इसको बुक ... |
आज 2 अक्टूबर की तारीख है। पूरी दुनिया में इसे महात्मा गांधी जी की जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार गांधी के जन्मदिन को स्वच्छ भारत अभियान के साथ जोड़ कर मना रही है। वह इसलिए कि स्वच्छता गांधी जी के लिए एक बड़ा मूल्य था। मैं एक नाट्यकर्मी हूँ और यह सोच रहा हूँ क... |
Tag :theater in education
नाटक पर काम करते हुए कई बार आप वो कर रहे होते हैं जो दरअसल नहीं करना चाहते। नवोन्मेष केवल चाहे हुए को करने से ही नहीं होता,कई बार अनचाहा भी रचनाशीलता के अवसर दे जाता है। अरे! माफ़ कीजियेगा,इस ज्ञान का साधारणीकरण करके मत देखिए। ऐसा केवल मेरे केस में होता है। इसका मतलब यह भी ... |
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September 26, 2015, 12:39 pm |
यह नाटक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तबीजी,अजमेर की लड़कियों के साथ नाट्य कार्यशाला के दौरान तैयार किया गया।- (मंच पर टोली आकार गाना शुरू करती है। दो गायक पहले गाते हैं बाकी समूह उन पंक्तियों को दोहराता है।)गायक : आइए करें तमाशा जी,आइए करें तमाशा जी। स... |
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September 18, 2015, 7:16 pm |
बच्चों के नाटक प्रायः प्रदर्शनधर्मी (परफॉर्मेंस ओरिएंटेड) नहीं होते हैं। वे अपने नाटक दर्शक को मद्देनज़र रख कर बनाते ही नहीं । बच्चों के नाटकीय खेलों पर तो यह बात सौ फीसदी फिट बैठती है। नाटकीय खेलों में तो दर्शक अयाचित होता ही है। वे अपने इन खेलों को आइसोलेशन में खेलते ... |
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September 12, 2015, 8:56 am |
(इस लघु नाटिका को जयपुर शहर के मोती कटला माध्यमिक विद्यालय की लड़कियों के साथ नाट्यकार्यशाला के लिए लिखा गया था। इसका मंचन 6 जून 2015 को बिड़ला ऑडीटोरियम में किया गया।) सूत्रधार : नमस्कारकोरस : आदाब, सतश्रीअकालसूत्रधार : हमारी टीम ने एक नाटक तैयार किया है। को... |
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September 3, 2015, 3:52 pm |
लड़कियां स्टेज पर आती हैं। एक लड़की सामने बैठे दर्शकों जिनमें उनके अभिभावक व शिक्षिकाएं बैठे है, से मुखातिब होकर नाटक शुरू करती हैं। एक लड़की : मैं एक लड़की हूँ और मेरा नाम है...कोरस (सब एक साथ) : आचुकी लड़की एक : क्या?कोरस : हा... |
पूर्वरंग इस एकल नाटक की पृष्ठभूमि में एक दुस्वप्न है। वह बुरा सपना हमने अपने बचपन में देखा था। यह शीत-युद्ध के आखिर का दौर था। दुनिया दो धड़ों में विभाजित थी। परमाणु बमों का जखीरा इकट्ठा किया जा रहा था। हिरोशिमा-नागासाकी की कहानियाँ भी पहुँच रही थीं... कभी भी तीसरा विश्व... |
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August 16, 2015, 10:46 pm |
कभी-कभी ऑफिस से घर जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर लेता हूँ। या फिर यह कहना चाहिए कि जब भी मौका मिले इस्तेमाल करना चाहिए। इसकी मार्फ़त आप वक़्त से जुड़े रह सकते हैं। देश-दुनिया की साफ-सच्ची तस्वीर ऐसे ही स्थानों पर दिखाई दे जाती है वर्ना इसके लिए आप मीडिया पर ... |
ऐसी कौनसी जगह है जहाँ से पूरा हिंदुस्तान दिखाई देता है? मैं इसके जवाब में कहूँगा भारतीय रेल में पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है। बक़ौल गुलज़ार साहब के, "एक हिंदुस्तान में दो-दो हिंदुस्तान नज़र आते हैं।"ऐसी ही नज़र हमें भी एक दिन मिली जब रिजर्वेशन के डब्बे से टीटीई ने हमें अनारक्... |
दृश्य 1स्थान - जयपुर - चंडीगढ़ एक्सप्रेस, द्वितीय श्रेणी का डिब्बा मुख्य पात्र - 25 साल का युवक।नाम - कोई भी रख लो।कोरस - कंपार्टमेंट के 10 अन्य यात्री।युवक : देखने में विद्यार्थी लगता है। उसने अपने बैग से चिप्स का पैकेट निकाल लिया है। उसे खोलने के लिए प्लास्टिक की कन्नी क... |
आज सुबह की अख़बार देख रहा था तो दो ख़बरें थीं जो महत्वपूर्ण थीं। पहली खबर यह थी मैगी को लेकर उठे हुए विवाद के बारे में थी। मेरा सात साल का बेटा भी अख़बार की सुर्ख़ियों को मेरे साथ दोहरा रहा था।अचानक मैगी व दूसरे फ़ूड प्रोडक्ट की जाँच व खतरों से सम्बंधित हैडलाइन आई तो उसने भी... |
मैं आज सुबह थोड़ा जल्दी स्कूल पहुँच गया था। स्कूल प्रांगण में बने मंच की सीढ़ियों पर बैठ कर समर कैम्प में आते हुए बच्चों को देख रहा था। वे अपनी-अपनी पसंद की कक्षाओं की तरफ जा रहे थे। मैं भी नाटक सीखने आने वाले बच्चों का इंतज़ार कर रहा था। इस बार नाटक के ग्रुप में मेरे पास 21 ... |
Tag :theater in education
मई का महीना हो, पारा पचास डिग्री को छूने जा रहा हो और आप ट्रेन में बैठ कर जयपुर से अलवर के बीच यात्रा कर रहे हों। आपका गला सूख रहा हो, बोतल का पानी ख़त्म हो जाए। ऐसे में गाड़ी के प्लेटफॉर्म पर रुकने पर आप अपनी खली बोतल बहार निकालें और पल भर में आपकी बोतल ठण्डे पानी से भर जाए तो ... |
कल कैफ़ी आज़मी की याद में इप्टा अलवर द्वारा आईएमए,सभागार में आयोजित संगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम देखने का अवसर मिला। इप्टा अलवर के अध्यक्ष श्री कान्ति जैन, महासचिव श्री प्रदीप माथुर व पूरी टीम का बहुत आभार जो उन्होंने अलवर शहर की संगीत की प्रतिभाओं को छोटे से स्टेज प... |
यह अर्जी इग्नू में लगाने से पहले मैं इसे ब्लॉग पर इस लिए डाल रहा हूँ,ताकि जो लोग इस कानून के विरोध में है वे मुझे सुझाएँ कि क्या कोई और रास्ता भी है। जो लोग इस कानून में विश्वास रखते है में मार्गदर्शन करें कि इस अर्जी को और धारदार कैसे बनाया जा सकता है।सेवा में,पब्लिक इन्... |
“यह सबसे कठिन समय नहीं है”यह उस पाठ का नाम है जो अगले दिन कक्षा आठ में पढ़ाया जाना था। मैंने शिक्षिका से कहा, “कल हम इसी पाठ पर मिल कर काम करेंगे।” आठवीं कक्षा की हिन्दी की किताब साथ लेकर केजीबीवी से बाहर आ गया। अपने कमरे में आकर देर तक जया जादवानी की इस कविता के बारे में स... |
ट्रेन के सेकंड क्लास डब्बे में बैठा हूँ। पूरे कम्पार्टमेंट में हर तीसरे व्यक्ति ने कानों में हैडफोन लगा रखा है। बगल में बैठी युवती ने हैडफोन के साथ-साथ एक हल्की सी मुस्कुराहट को भी मेंटेन कर रखा है। एक सामने बैठे नवयुवक की उँगलियाँ स्क्रीन पर ऐसे चल रही हैं जैसे क... |
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